22 जनवरी 2024 को अयोध्या में भगवान राम के बन रहे नए मंदिर में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। इस दिन अयोध्या में भव्य समारोह का आयोजन किया जाएगा। राम मंदिर के इस भव्य प्रतिष्ठा समारोह के लिए मंदिर ट्रस्ट की तरफ से काफी लोगों को आमंत्रित किया गया है इस लेख में हम इस बारे में बात करेंगे।
7000 से अधिक लोगों को आमंत्रित किया गया
मंदिर ट्रस्ट ने 3000 वीआईपी जिनमे क्रिकेटर्स, एक्टर्स, मंत्री और कई संगठनों के अध्यक्षों समेत और भी कई लोगो को आमंत्रित किया गया और 4000 से अधिक साधु-संतों समेत 7000 से अधिक लोगों को मंदिर के भव्य अभिषेक समारोह में आमंत्रित किया गया है।
खबरों की माने तो मंदिर ट्रस्ट द्वारा सचिन तेंदुलकर, विराट कोहली, रोहित शर्मा, अमिताभ बच्चन और अक्षय कुमार इन क्रिकेटर्स और एक्ट्रेस को भी आमंत्रित किया गया है। उद्योगपतियों की बात करें तो रतन टाटा, मुकेश अंबानी और गौतम अडानी इन उद्योगपतियों को मंदिर के भव्य समारोह के लिए आमंत्रित किया गया है।
साथ ही "रामायण" में भगवान राम का किरदार निभाने वाले अरुण गोविल और माता सीता का किरदार निभाने वाली दीपिका चिखलिया को भी आमंत्रित किया गया है
Arun Govil & Deepika Chikhalia |
और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत, योग गुरु रामदेव, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ यह सभी मंदिर के भव्य समारोह में आमंत्रित किए गए VIP में से है।
VHP प्रवक्ता शरद शर्मा ने कहा
"भगवान राम के मंदिर के भव्य समारोह के लिए उन कारसेवकों के परिवारों को भी आमंत्रित किया जाएगा जिन्होंने मंदिर आंदोलन के दौरान जान गवा दी थी। उन पत्रकारों और लेखकों को भी आमंत्रित किया जाएगा जिन्होंने मंदिर आंदोलन के समय अपने लेखों और रिपोर्टो से मंदिर का समर्थन किया था।"
विदेश से भी शामिल होंगे लोग
राम मंदिर के प्रतिष्ठा समारोह के लिए विदेश से भी कई लोगों का आमंत्रित किया जाएगा। 50 देशों से एक-एक प्रतिनिधि को आमंत्रित किया जाएगा।
भगवान राम की तीन मूर्तियां बनाई गई है इनमें से सर्वश्रेष्ठ मूर्ति को 22 जनवरी 2024 को मंदिर के गर्भगृह में स्थापित किया जाएगा।
अयोध्या के राम मंदिर की विशेषताएं (रोचक तथ्य)
- मंदिर निर्माण में स्टील या लोहे का इस्तेमाल नहीं किया गया
- मंदिर का निर्माण भगवान राम के नाम से खुदी हुई ईटों से किया जा रहा है
- मंदिर की नींव रखने के लिए 2587 स्थानों की पवित्र मिट्टी का इस्तेमाल किया गया साथ ही 150 नदियों के पवित्र जल का भी इस्तेमाल किया गया है